वास्तुशास्त्र में रखें इनका ध्यान
घर का निर्माण करते वक्त मुख्य द्वार, शयनकक्ष (Bedroom) और भोजनालय (Kitchen) की दिशा सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसलिए इनकी दिशा वास्तु के मुताबिक ही होनी चाहिए।
मकान की खिड़कियां, शयनकक्ष, स्नानघर, आलमारी इत्यादि की दिशा वास्तुशास्त्र के अनुरूप ही होनी चाहिए। दक्षिण दिशा में भवन की खिड़कियां या मुख्य दरवाजा नही होना चाहिए। भवन निर्माण के वक्त हमेशा यह ध्यान रखे कि मुख्यद्वार कभी भी दक्षिण दिशा में नही होना चाहिए। Vastu Shastra के अनुसार ऐसे घरों में नकारात्मक ऊर्जा रहती है।
घर के महत्वपूर्ण हिस्से सही दिशा में होने जरूरी है। गलत दिशा का चुनाव करने पर वास्तु दोष रहता है। इससे घर में परेशानियों का आना बना रहता है। घर बनाने से पूर्व नक्शा बनाया जाता है। अतः नक्शे में वास्तुशास्त्र का विशेष ध्यान रहे। घर में दिशा सही होगी तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा।
भवन का रंग वास्तु के मुताबिक होना चाहिए। प्रत्येक रंग का अपना एक वास्तु शास्त्र का मतलब होता है। घर के दरवाजों और खिड़कियों पर गहरा रंग श्रेस्ठ रहता है। घर की मुख्य दीवारों पर हल्का रंग पेंट करवाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में कछुआ बहुत शुभ माना जाता है। कहते है कि घर में कछुआ रखने से सुख समृद्धि आती है। इसके घर में रहने से पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।